टूटती मर्यादाओं
नोचते अस्तित्व
व्यथित हृदयों ने
स्त्री-पुरुष के
भीने संबंधों को
सड़न भरी
कुत्सित बदबू से
भर दिया
बस अब आशंका
घृणा ही शेष
उस सम्बन्ध अशेष में
ज़ार ज़ार
तार तार
सहमा -सा
तथाकथित
सम्बन्ध विशेष ....
नोचते अस्तित्व
व्यथित हृदयों ने
स्त्री-पुरुष के
भीने संबंधों को
सड़न भरी
कुत्सित बदबू से
भर दिया
बस अब आशंका
घृणा ही शेष
उस सम्बन्ध अशेष में
ज़ार ज़ार
तार तार
सहमा -सा
तथाकथित
सम्बन्ध विशेष ....