Sunday, February 24, 2013

Kavita

आज कुछ पंक्तियाँ कुलांचें माररही है ,क्यों न आपके साथ शेयर की जाये ..
कविता क्या है 
क्या सुना कभी 
आपने 
किसे कहतें हैं 
कविता 
नहीं पता ..मुझे 
मैंने तो लिखी 
प्रिय के लिये 
इक छोटी -सी
पाती 
जिसमें भरा था 
नेह निर्मल 
सागर -सा 
सलिल 
बस पा सकूँ 
उसका अहसास 
आस- पास 
पल -पल 
रहे साकार 
सौंदर्य अपार
अति आनंद भरा 
शब्द -निशब्द 
मनभावन 
अतिपावन 
संसार 
सार ...........

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