एक विषय “जन्मी –अजन्मी कन्याओ की दुर्दशा” पर न केवल चिंतन करेंगे बल्कि कुछ करने का संकल्प लेंगे. अपनी प्रतिक्रिया जरूर बतावें ............
क्यों रौंद रहे हो
ममता की कोमलता को ?
क्यों ठुकरा रहे हो
अपनी ही बेटी को ?
क्यों दुत्कार रहे हो
अपने ही अस्तित्व को ?
क्यों नोच रहे हो
अपनी ही अस्मिता को ?
क्यों लजा रहे हो
मानवता की गरिमा को ?
क्यों बेबस है वह “अजन्मी"
अत्याचार सहने को ?
क्यों हौसले हैं बुलंद
उन बेरहम कातिलों के ?
क्यों नहीं पिघला रही
इंसान की संवेदना को ?
क्यों मिटा रहे हो
सभ्यता - सौम्यता को?
क्यों हो रहा है यह दमन
क्या अनमोल पाने को ?
क्यों हो रहा यह छिः छिः
मनुष्यता के मर्म का अंत ?
"अजन्मी" बच्ची की कर हत्या”
क्यों रौंद रहे हो
ममता की कोमलता को ?
क्यों ठुकरा रहे हो
अपनी ही बेटी को ?
क्यों दुत्कार रहे हो
अपने ही अस्तित्व को ?
क्यों नोच रहे हो
अपनी ही अस्मिता को ?
क्यों लजा रहे हो
मानवता की गरिमा को ?
क्यों बेबस है वह “अजन्मी"
अत्याचार सहने को ?
क्यों हौसले हैं बुलंद
उन बेरहम कातिलों के ?
क्यों नहीं पिघला रही
इंसान की संवेदना को ?
क्यों मिटा रहे हो
सभ्यता - सौम्यता को?
क्यों हो रहा है यह दमन
क्या अनमोल पाने को ?
क्यों हो रहा यह छिः छिः
मनुष्यता के मर्म का अंत ?
"अजन्मी" बच्ची की कर हत्या”
कर रहें है ये दुष्ट
बेचारे ,लाचार ,निर्दोष जीवन का अंत
पर क्यों? क्यों? क्यों?
डा. अनिता जैन 'विपुला '
बेचारे ,लाचार ,निर्दोष जीवन का अंत
पर क्यों? क्यों? क्यों?
डा. अनिता जैन 'विपुला '
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